खजूर की खेती से पैसे कैसे कमाए |Khajur Ki kheti ka bussiness kaise kare

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खजूर की खेती से पैसे कैसे कमाए |Khajur Ki kheti ka bussiness kaise kare

खजूर की खेती को बहोत लाभदायक माना जाता है । कारण इसकी खेती में आपको बहोत कम जोखिम होने का संभावना रहता है । खजूर की बाजार में मांग साल भर रहती है। इसका आपको उचित मूल्य भी मिलता है । इसलिए इस बिजसेन को आपको करने के बारे में सोचना चाहिए । इसलिए आपको एक बार इसके बारे पूरा जानकारी लेना बहोत जरूरी है ।

Khajur Ki kheti ka bussiness kaise kare




खजूर की खेती के बारे में जानकारी

खजूर की खेती में आपको बहोत कम जोखिम होने का संभावना रहता है । मगर हर बिजसेन में कुछ आप को कुछ बातें का ध्यान रखना बहोत जरूरी होता है । आपको पहले कम पेड़ों एवं कम लागत के साथ खजूर की खेती करनी चाहिए । इससे आपको इस बिजसेन के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी कम जोखिम के साथ।

इसमें आपको 5 साल का समय देना होगा पेड़ से फल पाने केलिए । आप हर पेड़ से 25 से 75 किलो तक खजूर पा सकते है । आप 1 एकर में 75 से 80 पौधे लगा सकते है । अगर आपको बाजार में खजूर के प्रति किलो अच्छा दाम मिले तो आप ₹4 लाख से ₹ 5 लाख तक आय कर सकते है ।

खजूर का पेड़ कितने दिन में फल देता है?

खजूर के पेड़ में फल आने में 12 से 15 साल लगते है । पहले नसर्री में खजूर के पेड़ की ऑफशूट को उगाया जाता है। जिसको 6 से 8 बर्ष तक बढ़ाया जाता है । इसके बाद इन को खेतों में रोपण किया जता है । इसके बाद पेड़ों में फूल आने केलिए अगले 6 से 7 बर्ष लग जाते है। इसलिए इसकी खेती से फल पाने केलिए आपको कुछ साल तक इंतेजार करना पड़ता है । एक बार खजूर आने पर आप सालों सालों इस से अमल कर सकते है ।

खजूर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

खजूर की खेती केलिए मिट्टी का pH 8 से pH 10 होना चाहिए । मिट्टी में जल का अच्छी तरह से निष्कासन हो सके । इसका खेती रेतीली मिट्टी करना सबसे अच्छा होता है। मिट्टी में नमी सोखने का गुण होना चाहिए । खजूर की खेती के समय इस बात का ध्यान रखे कि मिट्टी में 2 से 3 मीटर तक पथरीली भूमि नहीं होना चाहिए । मिट्टी में कैल्शियम कार्बोनेट की होना सबसे खतरनाक है । आप खजूर की खेती को लवणीय और एल्कलाइन मिटटी में कर सकते है ।


खजूर की खेती के लिए जलवायु और तापमान

खजूर की खेती केलिए शुष्क बातावरण और अच्छी सूरज के किरणों की जरूरत होती है। इसलिए इसकी खेती मरुस्तलिय इलाक़े जैसे राजस्थान , गुजरात  और सऊदी अरब जैसे देशों में ज्यादा खेती होता है। इसकी खेती केलिए 30℃ का तापमान जरूरी होता है । मगर खजूर  पेड़ पर फूल और फल होने बक्त 45℃ तापमान बहोत जरूरी होता है ।

इसकी खेती केलिए बहित ही कम बारिश की जरूरत होता है । इस पेड़ में कुदरती तौर पर कम पानी मे जिन्दा रहना खमता है।  इसकी खेती केलिए 3 इंच प्रति बर्ग की बारिश की जरूरत हिता है । अगर ज्यादा बारिश हिता तो खेत मे से अछि तरह से जल निष्कासन उपाय होना चाहिए ।इसकी खेती केलिए ज्यादा सर्दी होना नुकसान दायक है ।

खजूर की उन्नत किस्में

इसके खेती केलिए बहोत सारे किस्में के खजूर पड़े लगाया जाता है । आपको आपके इलाके के जलवायु और तापमान के हिसाब से खजूर की प्रजाति की चयन करना चाहिए । आपको अपने खेती केलिए किस प्रजाति के खजूर लगाना चाहिए जरूरी होगा । इसके बारे में आपका अछि तरह पता होना चाहिए । खजूर की खेती में आपको ज्यादा मादा प्रजाति के पेड़ और कुछ नर प्रजाति के पेड़ लगाना बहोत जरूरी होता है ।

(1) मादा प्रजाति

आपको खजूर की खेती करने से पहले आपको अछि पैदावार बाली और अपनी जगह में अछि तरह से बढ़ने बाली मादा प्रजाति पेड़ का चयन करना बहोत जरूरी होता है।

बरही

इस किसम के पेड़ बहोत ज्यादा पैदावार देने केलिए लोकप्रिय है । इस तरह के पेड़ में फल आने केलिए बहोत कम समय लगता है । मगर एक बार फल आने पर बहोत ज्यादा समय फल को पकने में लग जाता है। इस पेड़ में फलों के आकार अंडाकार और पीले रंग पाय जाते है । इस प्रजाति के खजूर के पेड़  से 70 से 10 किलो तक फल मिलने का संभावना रहता है।

खुनेजी

इस किसम के पेड़ माध्यम गति से बढ़ते है । इस तरह के पेड़ में फल बहोत जल्दी पकते है ।  इस पेड़ में फलों के लाल रंग पाय जाते है । इस प्रजाति के खजूर के पेड़  से 60 किलो तक फल मिलने का संभावना रहता है।

हिल्लावी

इस प्रजाति के पेड़ों पर फल जुलाई महीने में पकते है। इस प्रजाति के फल का रंग नारंगी होता है । इस प्रजाति के फल आकर में लम्बाई बाले होते है । इस प्रजाति के खजूर की खेती करने से आपको एक पेड़ से 100 किलो तक फल मिलने का संभावना रहता है ।

जामली

इस प्रजाति के पेड़ों पर फल बहोत देर से पकते है।इस प्रकार के फल मीठा हिता है । इस प्रजाति के फल का रंग सुनहरी पीला होते है । इस प्रजाति के खजूर की खेती करने से आपको एक पेड़ से 100 किलो तक फल मिलने का संभावना रहता है । इस प्रजाति के फल खाने में बहोत मीठा होता है ।

खदरावी

इस प्रजाति के पेड़ों बहीत छोटे होते है। लोग इस प्रजाति के खजूर के फलों से पिंडखजूर बनाते है। इस प्रजाति के खजूर की खेती करने से आपको एक पेड़ से 60 किलो तक फल मिलने का संभावना रहता है ।

मेडजूल

इस प्रजाति के पेड़ों पर फल बहोत देर से पकते है।इस प्रकार के फल मीठा हिता है । इस प्रजाति के फल का रंग  पीला पीला नारंगी होते है । इस प्रजाति के पेड़ों को मोरको में सबसे ज्यादा खेती किया जता है। लोग इस प्रजाति के खजूर के फलों से पिंडखजूर बनाते है। इस प्रजाति के खजूर की खेती करने से आपको एक पेड़ से 75 से 100  किलो तक फल मिलने का संभावना रहता है ।

(2) नर प्रजाति

आपकों खेती करते समय मादा पेडों के साथ काम संख्या में  नर पेड लगाना बहोत जरूरी होता है। इस पेड़ में फल नहीं आते है। इस पेड़ में केबल फूल आते है। आपकों एक अच्छा नर प्रजाति के पेड़ चुनना बहोत जरूरी हिता है।

धनामी मेल

इस प्रजाति के पेड़ों पर आपको 15 फूल देखने को मिलता है । इस पेड़े के प्रत्येक फूल से आपको लग भग 20 ग्राम तक परागकण मिलने का संभावना रहता है। मगर इस पेड़ में परागकण होने में 10 दिन का समय लगता है।

मदसरीमेल

इस प्रजाति के पेड़ों पर आपको 5 फूल देखने को मिलता है । इस पेड़े के प्रत्येक फूल से आपको लग भग 6 ग्राम तक परागकण मिलने का संभावना रहता है।


खजूर की खेती केलिए मिट्टी तैयार कैसे करें

आपको पौधे लगाने से पहले खेत को अछि तरह से तैयार किया जाता है। इससे खेत की उर्वरा बढ़ती है । इससे आपको ज्यादा फल मिलता है । पहले आप खेत की मिट्टी को भुर भूरी बनाई हिती है। मिट्टी को भुर भूरी बनने केलिए आप मिट्टी को उलट पलट करदे । अगर आप खुद से नहीं कर सकते है तो आप खेत में कल्टीवेटर चलाकर 2 से 3 बार मिट्टी को उलट पलट करदे । इससे मिट्टी में  ऑक्सिजम और नाइट्रोजन आदि गैस अछे से घुल मिल जाते है। मिट्टी में अछि तरह से सूरज की किरण मिल पाता है। इसके बाद खेत मे एक बार पाटा चला कर समतल बना दे ।

इसके बाद आपको खेत मे 1 मीटर व्यास और 1 मीटर गहरे गड्डे  बनाले। आपको 6 से 8 मीटर के दूरी गड्डे बनान चाहिए। पर इससे बाद आपको मिट्टी की उर्वरता बनने के लिए गड्डे में पुरानी गोबर खाद , कम्पोस्ट , फोरेट या कैप्टान आदि को मिट्टी में मिला कर गड्डे भरदे । इसके बाद गड्डे ऊपर अच्छे से सिचाई करदे । इसके बाद आपको 1 महीने का समय देना होगा पौधा लगाने केलिए ।


खजूर का पेड़ कैसे लगाएं

जब आपका खेत की मिट्टी अछि से तैयार हो तो आप पौधा लगा सकते है। आप चाहे तो खजूर के बीज रोपण कर सकते हो। मगर बीज से फल होने में 13 साल का समय लग जाता है । इसलिए आपको समय को कम करने केलिए सरकारी मान्यता प्राप्त नर्सरी से बच्चा पौधे को रोपण करना हिता है । इससे आपको फल 6 से 7 साल में मिल जाते है । आपको सरकारी मान्यता प्राप्त नर्सरी से पौधे ख़रीद पर सरकार आपको कुछ प्रतिशत का अनुदान देती है। इसके आपको पौधे को खेत के गड्डे में रोपण करना होता है । आपको एक बात का ध्यान दे कि एक एकड़ में 70 पौधे से ज्यादा रोपण नहीं कीजिए । पौधे रोपण केलिए अगस्त के महीना सबसे अच्छा माना जाता है ।

खजूर के पौधे की सिचाई कब करनी चाहिए

खजूर को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है । आपको ग्रीष्म काल मे महीने में 2 बार पानी देना जरूरत हिता है । ठंड की मोशाम में महीने में 1 बार पानी देना हिता है। जब खजूर के पेड़ पर फूल और फल होतो आपको जरूरत के अनुसार पानी देना हिता है ।

खजूर के पौधे में उर्वरक की मात्रा कितना देना चाहिए

खजूर की खेती में फलों की पैदाबार बढ़ाने केलिए आपको समय समय पर उर्वरक खाद देना बहोत जरूरी हिता है । आपको पेड़ रोपण से 30 किलो पुरानी गोबर की खाद 5 से 6 सालों तक देना हिता है। जब पेडों पर फूल आने लगे तो आपके इसकी मात्रा बढ़ा सकते है । आप चाहिए तो जरूरत के अनुसार रासायनिक खाद का इस्तेमाल कर सकते है । आप किसी कृषि बैज्ञानिक की सहायता ले सकते है ।

खजूर के पौधे में खरपतवार का नियंत्रण कैसे करें

खरपतवार ज्यादा होने से पौधों को बढ़ने में नुकसान होता है । इसलिए अछि फसल केलिए आपको समय समय पर खेत की नीलाई गुड़ाई करनी चाहिए। इस तरह फसल केलिए आपको साल में 6 बार नीलाई गुड़ाई करना जरूरी होता है। इससे खजूर के पौधे को अछि तरह से बढ़ने में मदत मिलती है।

खजूर के पौधे में लगने वाले रोग का उपचार कैसे करें

पौधों पर समय समय पर बहोत तरह के रोग लगते रहते है।हमकों समय समय पर अपने पेडों पर बहोत तरह के रासानिक पदार्थ डालना पड़ता है। इससे पौधों की बृद्धि में तेजी अति है। आपको नीचे खजूर के पौधे में लगने बाले कुछ रोगों का उपचार बताया है ।

(1) दीमक से कैसे बचें

दीमक से पौधों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। दीमक खजूर के पेड़ों को ज्यादा नुकसान पहचाते है । अगर आप इस चीज को ध्यान नहीं देंगे तो पूरा पेड़ नष्ट हो सकता है । इससे छुटकारा पाने केलिए आपको खजूर के पेड़ों की जड़ों में क्लोरपाइरीफास को जरूरत के हिसाब से पानी मे दाल कर सिंचन कीजिए ।

(2) पक्षियों के आक्रमण से कैसे बचें

खजूर के पेड़ में जब फल आते है तब पक्षियों के आक्रमण बढ़ जाते है । इससे आपको फसल में भारी नुकसान हो सकता है। इससे बचने केलिए आपको पेडों के ऊपर जाल बिछाना बहोत जरूरी होता है। आपको पेडों में फल के समय बहोत ध्यान से काम करना होगा ।

(3) कीटों का प्रकोप से कैसे बचें

खजूर के पेड़ों पर कीटों का आक्रमण बहोत नुकसान दायक हो सकता है। कीटों का हमला पेडों के पत्ते पर ज्यादा हिता है । इससे बचने के आपको पेडों के पत्ते पर इमीडाक्लोप्रिड और एक्टामिप्रिड को जरूरत के हिसाब से डाल सकते है ।


खजूर के फलों की तुड़ाई कैसे करें

खजूर के पेड़ों में फल लगने में 5 साल का समय लगता है। फल लगाने के बाद तुड़ाई का समय आता है । आप फॉलो की  तुड़ाई 3 चरण में कर सकते है । पहले चरण में आप खजूर के पके हुए फॉलो की तुड़ाई कीजिए । इसके बाद दूसरे चरण में आपको तोड़े नरम पेड़े फलों की तुड़ाई किया जाता है। इसके बाद आखरी चरण में आपको सूखे फॉलो की तुड़ाई करनी होती है। आपको एक बात का ध्यान रखना है कि मानसून मौसम के पहले आपको तुड़ाई कर लेनी चाहिए । पहले और दूसरे चरण में मिला खजूर को पिंड खजूर बनाने केलिए इस्तेमाल किया जाता है। तीसरे चरण में मिला खजूर को छुहारे रूप में इस्तेमाल कर सकते है । आप चाहते तो इसको बाजार में भेज सकते है ।

(1) बढ़ी

खजूर की इस किस्म की कटाई गुच्छे में किया जाता है। इस प्रकार के खजूर पैकेजिंग और मार्केटिंग कार्डबोर्ड बॉक्स में रख कर किया जाता है। बढ़ी की कटाई बक्त फल मीठा होना बहोत जरूरी होता है। इसलिए आपके इसकी कटाई केलिए बिशेष उपकरण का इस्तेमाल करना बहोत जरूरी हिता है। आपको इसकी कटाई 5 राउंड में करनी चाहिए जिससे आपको अच्छा बंच मिल सके।

(2) डेगलेट नौर

देगलेट को आप 2 तरीके से इस्तेमाल कर सकते है। पहले आप शाखाओं लगे फॉलो और दूसरा शाखाओं से गिर कर अलग हुए फॉलो को इस्तेमाल कर सकते है । मगर इसमें आपको एक बात का ध्यान देना की पहल उनकी असली हालत में रहे ।

(3) मेग्जुल

इस तरह के कटाई में साधारण सीढ़ी के बदले फोर्कलिफ्ट पर यू- शेप के बास्केट का इस्तेमाल किया जाता है । इससे आप ट्रे से फॉलो की तुड़ाई कर सकते है । इसके बाद आप तोड़े हुए फलों की ट्रे को पैकेजिंग केलिए भेज सकते है। इस प्रक्रिया से आपको ज्यादा तर पके हुए भूरे रंग खजूर मिलते है । इसमें यदि आपको कुछ पीले खजूर मिले तो आप इनको सूखने केलिए दे सकते है।


बढ़ी की पैकेजिंग कैसे करें

बढ़ी की पैकेजिंग करते समय आपको बहोत सबधाणी बर्तनी जरूरी होता है । इसके लिए आपको तापमान का ध्यान रखना बहोत जरूरी होता है। इसको जब आप कार्डबोर्ड में पैक करे तो बढ़ी के गुच्छे बनाये रखे। आपको केलिए साफ और पीले खजूर पैक करना बहोत जरूरी हिता है।

डेगलेट नौर की पैकेजिंग कैसे करें

देगलेट नौर पैकेजिंग 2 तरीके से कर सकते है । जैसे आप गुच्छे और बुकेट के तरीके से कर सकते है । देगलेट नौर की गुच्छे के बक्त आपको एक लंबे कार्ड बॉक्स में 2 गुच्छे के पैक किया जाता है । हर कार्ड बॉक्स का बजन 10 किलो रखा जाता है । मगर देगलेट नौर के बुकेट में कार्ड बॉक्स के अंदर 5 गुच्छे पैक किया जाता है । इस मे पैक का बजन 400 ग्राम रखा जाता है ।


मेग्जुलकी पैकेजिंग कैसे करें

इसकी पैकेजिंग केलिए पहले कटाई हुई खजूर को गीले टेरीक्लॉथ का कपड़ा ऊपर रखा जाता है। इससे खजूर के अंदर से मेल निकाल जाता है। इसके बाद खजूर को  कन्वेयर बेल्ट पर रखा जाता है। इसके बाद खजूर के साइज और क्वालिटी के आधार पर छटाई किया जाता है । आखिर में पैक करके बाजार में भेज दिया जाता है ।

खजूर के फलों की पैकेजिंग कैसे करें ?

फॉलो का पैकेजिंग बहोत जरूरी होता है। इससे आप फॉलो को बहोत दिनों तक अच्छे से रख सकते है । खजूर के 2 प्रकार को जैसे पिंड खजूर और छुहारे के पैकेजिंग बहोत ही अलग अलग तरीके से किया जता है। पिंड खजूर के फल आम तर पर नरम एवं पके होते है। इसलिए इनकी पैकेजिंग बहोत ध्यान पूर्वक किया जाता है। इसमें आपको ध्यान देना होता कि फलों पे नमी बरकरार रहे । इसके के लिए आप आधुनिक मेसिन का इस्तेमाल कर सकते है। मगर छुहारे के पैकेजिंग इतना ज्यादा ध्यान नहीं देना हिता है। इसको केबल अच्छे से सूखा कर साधारण पैकेजिंग कर बाजार में बेचने केलिए छोड़ दिया जता है।

खजूर के फलों की मार्केटिंग कैसे करें ?

खजूर का मांग साल भर हर जगह रहता है । इसको बेच ने केलिए आपको पहले खजूर से तरह तरह के प्रोडक्ट बनाने बाले कॉमपनी एवं तरह तरह के औषधियों बनाने वाले कॉमपनी से संपर्क करना चाहिए। इन कॉमपनी को अपना खजूर बेचने से आपको ज्यादा मुनाफा हिगा। इसके बाद आपको अपने पास की मंडी में जाकर बेचना चाहिए। आपको एक बात का ध्यान देना चाहिए कि खजूर का दाम ज्यादा मत रखिये । आपको पहले बाजार मूल्य के हिसाब से खजूर को बेचना चाहिए।

खजूर की खेती करने में क्या जोख़िम हो सकता है

खजूर की खेती में आपको बहोत कम जोखिम होने का संभावना रहता है । मगर हर बिजसेन में कुछ आप को कुछ बातें का ध्यान रखना बहोत जरूरी होता है । आपको पहले कम पेड़ों एवं कम लागत के साथ खजूर की खेती करनी चाहिए । इससे आपको इस बिजसेन के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी कम जोखिम के साथ। इस खेती में सबसे जरूरी बात है कि खजूर की फलों को अच्छे से संभाल के रखना होता है। इसके लिए आप एक रेफ्रिजरेटर ख़रीद सकते हैं । आप इस बात का ध्यान रखे कि फॉलो को आप -4℃ मे रखे ताकि ज्यादा दिनों तक फल ताजे रह पाएंगे। जब आप इस बिजसेन आपका अच्छा मुनाफा होने लगे तो आप इसको बड़े तर पर कर सकते है ।

खजूर की खेती में लाभ कितना होता है

खजूर की खेती आप कम खर्च में कर सकते है । इसमें आपको 5 साल का समय देना होगा पेड़ से फल पाने केलिए । आप हर पेड़ से 25 से 75 किलो तक खजूर पा सकते है । आप 1 एकर में 75 से 80 पौधे लगा सकते है । अगर आपको बाजार में खजूर के प्रति किलो अच्छा दाम मिले तो आप ₹4 लाख से ₹ 5 लाख तक आय कर सकते है ।


FAQ:-

खजूर की अगेती किस्म कौन सी है ?

खजूर की अगेती किस्म जैसे बरही , खुनेजी , हिल्लावी , जामली , खदरावी , धनामी मेल और मदसरीमेल आदि है ।

छुहारा और खजूर में क्या अंतर है?

खजूर में ज्यादा नमी हिती है । छुहारा में बहोत कम नमी होती है । खजूर में ज्यादा कैल्शियम , विटामिन सी और आयरन होता है । छुहारा में ज्यादा  कैल्शियम होता है ।

क्या खजूर और छुहारा एक ही होता है?

खजूर से छुहारा बनता है । छुहारा खजूर में ज्यादा नमी हिती है । छुहारा में बहोत कम नमी होती है ।

खजूर और पिंड खजूर में क्या अंतर है?

खजूर से छुहारा बनता है । पिंड खजूर में ज्यादा नमी हिती है । छुहारा में बहोत कम नमी होती है ।

खजूर से छुहारा कैसे बनता है?

पहले कच्चे खजूर को 2-3 बार पानी से धोना होता है ।इसके बाद खजूर को 15 से 20 मिनट तक गरम पानी मे उबाल जाता है। इसके बाद इसको अछे से सुखाया जाता है ।

सूखे खजूर को क्या कहते हैं?

सूखे खजूर को छुहारा कहते है ।

छुहारे कितने प्रकार के होते हैं?

छुहारे 3 प्रकार के होते है । जैसे की खजूर , पिंड खजूर और गोस्तन खजूर होते है ।

पिंड खजूर को कैसे बनाया जाता है?

पिंड खजूर बनाने केलिए आपको पहले डोको अबस्ता में खजूर को 1 से 2 मिनिट तक गरम पानी मे उबालना होगा। इसके बाद खजूर को सुखाकर बनाया जाता है ।

असली खजूर की पहचान कैसे करें?

असली खजूर का मीठा पन मध्यम होता है। इसलिए आपको खुद से इसका स्वाद चख कर पाता करना होगा ।

खजूर के पेड़ की लंबाई कितनी होती है?

खजूर के पेड़ की लंबाई 15 से 25 मीटर होती है।



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