फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है | Future Trading In Hindi

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फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है | Future Trading In Hindi

शेयर मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग का मतलब होता हे की आप किसी भी स्टॉक / इंडेक्स को उसकी एक्सपाइरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते है कोई भी फिक्स प्राइस पर। अगर आप इस तरह से स्टॉक / इंडेक्स को बेचे तो आपको फिक्स की हुई प्राइस पर खरीददार को ट्रांसफर करना पड़ता हे।

Future Trading In Hindi

इक्विटी बाजार में 2 सेगमेंट होते है

1) कैश ट्रेडिंग

इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप मॉर्निज के बिना आपके खुदके पैसों ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप शेयर की दिलीविरी लेकर खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत कम रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम भी बहोत कम होता है। शेयर बाजार में पेशे आदर ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग नहीं करते है । इसमें लेवल लघु समय ( < 1 वर्ष ) के निवेशक ट्रेडिंग करते है।

2) डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग

इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप ब्रोकर मॉर्निज  पैसों के साथ आपके ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप स्टॉक ( ITC , HDFC , Reliance ) , करेंसी ( USD/INR ) , इंडेक्स ( NIFTY 50 / SENSEX ) और कमोडिटी ( Cruid Oil , Gold , Silver ) की दिलीविरी लिए बिना खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत ज्यादा रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम बहोत ज्यादा होता है। शेयर बाजार में पेशेदार ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग करते है ।

डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग 2 तरह के होते है

a) फ्यूचर ट्रेडिंग


शेयर मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग  का मतलब होता हे की आप किसी भी स्टॉक / इंडेक्स को उसकी एक्सपाइरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हे, कोई भी फिक्स प्राइस पर।

b) ऑप्शन ट्रेडिंग


शेयर बाजार मेंहर दिन शेयर और इंडेक्स की मूल्य ऊपर नीचे होते रहता है । इस में  अगर आप किसी शेयर को भबिष्य के किसी निधारित मूल्य (strick price)  में बेचना और ख़रीदना हो  तो  आपको किसी के साथ एक  कॉन्ट्रैक्ट करना होता है  । इस को आसान भासा में स्टॉक हेजिंग कहे ते है इस के निबेश की रिस्क कम होजा ता है  । सभी कॉन्ट्रैक्ट का एक निधारित समय सीमा होता है । इसी कॉन्ट्रैक्ट (Option) को बेचना और खरीदना को option trading कहते है ।

फ्यूचर ट्रेडिंग क्या होता है?

फ्यूचर ट्रेडिंग, जैसा कि नाम से ही जाहिर होता है कि भविष्य में होने वाले सौदेबाजी के लिये आज की तरीख में एक निश्चित दर पर निश्चित मात्रा के लिये खरीद या बिक्री के लिए एक करार ( कॉन्ट्रक्ट ) करना को ही फ्यूचर ट्रेडिंग कहते है। आप स्टॉक ( ITC , HDFC , Reliance ) , करेंसी ( USD/INR ) , इंडेक्स ( NIFTY 50 / SENSEX ) और कमोडिटी ( Cruid Oil , Gold , Silver ) मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग कर सकते है।

फ्यूचर्स की ट्रेडिंग एक्सचेंज ( NSE / BSE ) में होता है। इसे डेरिवेटिव भी कहते हैं। इसके तहत आप अंडरलाइंग एसेट को भविष्य की किसी तारीख को पहले से तय कीमत ( Strick Price ) पर खरीद और बेच सकते है ।अंडरलाइंग एसेट से मतलब किसी खास फ्यूचर से जुड़ा एसेट है। शेयर बाजार के मामले में अंडरलाइंग एसेट किसी कंपनी का शेयर / इंडेक्स को माना जाता है। कमोडिटी बाजार के फ्यूचर्स के मामले में अंडरलाइंग एसेट कोई कमोडिटी होता है।

फ्यूचर ट्रेडिंग में आपको किसी इंडेक्स या स्टॉक का चुनाव करने पर उसका पूरा मूल्य नहीं देना होता है। बल्कि केवल मार्जिन मनी जो कि कुल शेयर के लोट की कुल कीमत का 10% से  15% प्रतिशत ही होता है , इसको दे कर आप ट्रेडिंग कर सकते है। फ्यूचर कॅश के मुकाबले प्रीमियम या डिस्काउंट पर ट्रेड करते है। आप कम पैसे में बाजार में ट्रेडिंग फ्यूचर के जरिये संभव है। आप जो मार्जिन देय होता है, वह एक्सचेंज तय करता है। फ्यूचर ट्रेडिंग महीने भर के लिए होती है। ट्रेडर चाहे तो अपने सौदे को अगले महीनें के लिए रोलओवर कर सकता है लेकिन हर दिन के नफा या नुकसान का हिसाब किताब रोज ही होता है। आपको नफा ( Profit) होने पर आप सेटलमेंट के बाद अपने पैसे भी उठा सकते है जबकि नुकसान ( Loss ) होने की अवस्था में आपको पैसे भरने पड़ते है। फ्यूचर कारोबार इंडेक्स और स्टॉक दोनों में सम्भव है।

स्टॉक मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग की सुविधा सभी शेयरों पर नहीं है। यह फ़िलहाल 250 शेयरों पर ही है। फ्यूचर में ट्रेड होने वाले शेयर को स्टॉक फ्यूचर्रस ( Stock Future ) कहते है। इस शेयरों की लिस्ट एक्सचेंज पर तैयार किया जाता है जिसे SEBI की मंजूरी मिलने के बाद ही ट्रेड के लिए जारी किया जाता है। फ्यूचर में ट्रेड किये जाने के लिए चुनने के भिन्न मापदंडो में मार्किट कैप, वॉल्यूम और लिक्विडिटी प्रमुख होता है।

आप कम पैसे में अधिक और बड़ी ट्रेडिंग फ्यूचर के माध्यम से कर सकते। आप बड़े कंपनियों के पोजीशन हासिल कर सकते है। लेकिन चुकी बड़े लोट में काम होता है इसलिए फायदा और नुकसान दोनों ही बड़े होते है। इस लिए फ्यूचर ट्रेडिंग केवल अनुभवी ट्रेडर के लिए है।

इंडेक्स ( Index) में फ्यूचर ट्रेडिंग सबसे अधिक निफ़्टी ( NIFT50 ) और बैंक निफ़्टी (BANK NIFTY) में होती है। स्टॉक फ्यूचर की तरह यहाँ भी लोट साइज होती है और मार्जिन की सुविधा इसमें भी मिलती है। बैंक निफ्टी और निफ्टी की लोट साइज क्रमशः 50 और 25 फिलहाल चल रही है।

निफ्टी फ्यूचर का भाव उसमे शामिल शेयरों के भाव पर निर्भर करता है। इसी तरह बैंक निफ्टी की दर भी इसमें शामिल बैंकों के शेयर के मौजूदा दर से प्रभावित और तय होता है। स्टॉक फ्यूचर की जगह इंडेक्स फ्यूचर ज्यादा प्रचलित है क्योकि इसमें मार्जिन की दर कम और लिक्विडिटी ज्यादा रहता है।

आपको स्टॉक फ्यूचर कैसे काम करता है उदाहरण देता हूं।
अगर शेयर का बाज़ार भाव सौ (₹ 100)  रुपए है तो उसका फूचर का भाव कम या अधिक हो सकता है। आप एक से ज्यादा महीने आगे की तारीख़ के लिए उसे कम या अधिक में बेच सकते या ख़रीद सकते हैं । चाहे आपके पास वह शेयर हो या नहीं।

यदि आप उम्मीद करते कि शेयर आगे बढ़ेगा तो उसका फ़्यूचर खरीदने का निणय करते है। मान लीजिए आपने वह शेयर के फ्यूचर को  ₹ 105 में बेचा ये कहा जाएगा आपने उसका लांग फुचर खरीदा। यदि उस दिन तक बाजार बंद होते बक्त शेयर का भाव ₹ 105 हो जाता है तो आपको (+ ₹ 5) पाँच रुपए का लाभ होगा । यदि उस दिन तक बाजार बंद होते बक्त शेयर का भाव ₹ 95 हो जाता है तो आपको (- ₹ 5 )  पाँच रुपए भरने होंगे।

यदि आप उम्मीद करते कि शेयर आगे निचे जाएगा तो उसका फ़्यूचर बेचने का निणय करते है। मान लीजिए आपने वह शेयर के फ्यूचर को  ₹ 95 में बेचा ये कहा जाएगा आपने शेयर को शर्ट किया है। यदि उस दिन तक बाजार बंद होते बक्त शेयर का भाव ₹ 95 हो जाता है तो आपको (+ ₹ 5) पाँच रुपए का लाभ होगा । यदि उस दिन तक बाजार बंद होते बक्त शेयर का भाव ₹ 105 हो जाता है तो आपको (- ₹ 5 )  पाँच रुपए भरना होगा।

ये काम बहुत जोखिम से भरा है क्योंकि ये सौदे बहुत बड़ी मात्रा में किए जाते हैं –  लगभग ₹ 10 लाख की कॉन्ट्रक्ट मूल्य होता है। मगर आप ब्रोकर के मार्जिन से  ( ₹ 3 से 4 लाख ) तीन चार लाख रुपए में ख़रीद सकते है। यदि आप केवल पाँच प्रतिशत (-5%) नुक़सान झेलते हैं तो पंद्रह से बीस हज़ार रुपए एक ही झटके में खो देंगे। लेकिन यदि आज नुक़सान होता है तो आप इस उम्मीद से फिर काम करेंगे कि इस बार आपका अंदाज़ा ग़लत हो गया अगली बार पक्का फ़ायदा होगा।

फ्यूचर ट्रेडिंग जोखिम भरा होता है। आप कम मार्जिन में पैसे बना भी सकते है लेकिन नुकसान होने की दशा में आपके पैसे पूरी तरह डूब ( Bankrupt)  सकते है। इसलिए बहुत सोच समझ कर ही फ्यूचर ट्रेडिंग करें।


फ्यूचर ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है ?


फ्यूचर ट्रेडिंग 2 प्रकार के होते है। एक तेजी ( Long ) और एक शार्ट ( Short ) फ्यूचर ट्रेडिंग होता है। आपको ट्रेडिंग करने से पहले निणय करना होगा कि आपको कौन की फ्यूचर ट्रेडिंग करनी है।

लॉन्ग फ्यूचर ट्रेडिंग ( Long Future Trading )


अगर आपकोलगता है कि शेयर बाजार में आने बाले महीनों में तेजी आने बाली है। तो फिर आप लांग फ्यूचर ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आपको पहले इंडेक्स / शेयर के फ्यूचर को पहले खरीद ना होगा । आपको निचे एक उदाहरण पेश किया है।

आपने अपने खाते मैं डाला 50000 । मान लो की आपको निफती फ्यूचर के 1 लोट खरीदना है। इसका प्राइस नवंबर में 18200 ( Current Price ) चलरहा है । निफती फ्यूचर में 1 लोट में 50 शेयर होता है । इसलि आपको पूरा 1 कॉन्ट्रक्ट ( 1900 Dec Stick Price )  ख़रीदने केलिए टोटल कैश मे लगेगा 19000 ×50= 9 लाख 50 हज़ार रुपए। इसको 1 लॉट की कॉन्ट्रक्ट मूल्य कहा जाता है।

मान लेते है अगले महीने इंडेक्स करेनेट प्राइस 20000 होता है। अभी 1 लॉट कीमत ( 20000 ×50 )10 लाख रुपए। मगर आपके ब्रोकर ने 1 लॉट को  9 लाख 50 हज़ार में खरीदा था। इसलिए आपको 1 लॉट में फायदा 50 हजार रुपए का है ।  इसमें आपका ROI ( + 50000/ 50000) +100% । ब्रोकर ने आपको 3x का एक्सपोजर दीया जिससे आप 1 लॉट ख़रीद सको । जिससे आपको 5% के इंडेक्स बढ़ने पर आपको 100% का लाभ हुआ है।

मान लेते है अगले महीने इंडेक्स करेनेट प्राइस 18000 होता है। अभी 1 लॉट कीमत ( 18000 ×50 ) 9 लाख रुपए। मगर आपके ब्रोकर ने 1 लॉट को  9 लाख 50 हज़ार में खरीदा था। इसलिए आपको 1 लॉट में नुकसान 50 हजार रुपए का है।  इसमें आपका ROI ( -50000/ 50000) – 100% । ब्रोकर ने आपको 3x का एक्सपोजर दीया जिससे आप 1 लॉट ख़रीद सको । जिससे आपको 5% के इंडेक्स बढ़ने पर आपको – 100% का नुकसान हुआ है। जिससे आपके पैसे पूरी तरह डूब जाता है।

शार्ट फ्यूचर ट्रेडिंग ( Short Future Trading )

अगर आपकोलगता है कि शेयर बाजार में आने बाले महीनों में मंदी आने बाली है। तो फिर आप शार्ट फ्यूचर ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आपको पहले इंडेक्स / शेयर के फ्यूचर को पहले बेचना ना होगा । आपको निचे एक उदाहरण पेश किया है।

आपने अपने खाते मैं डाला 50000 । मान लो की आपको निफती फ्यूचर के 1 लोट बेचना है। इसका प्राइस नवंबर में 18200 ( Current Price ) चलरहा है । निफती फ्यूचर में 1 लोट में 50 शेयर होता है । इसलि आपको पूरा 1 कॉन्ट्रक्ट ( 1900 Dec Stick Price )  ख़रीदने केलिए टोटल कैश मे लगेगा 19000 ×50= 9 लाख 50 हज़ार रुपए। इसको 1 लॉट की कॉन्ट्रक्ट मूल्य कहा जाता है।

मान लेते है अगले महीने इंडेक्स करेनेट प्राइस 18000 होता है। अभी 1 लॉट कीमत ( 18000 ×50 ) 9 लाख रुपए। मगर आपके ब्रोकर ने 1 लॉट को  9 लाख 50 हज़ार में बेचा था। इस बार आपका ब्रोकर आपके आर्डर  1 लॉट को 9 लाख रुपए खरीदना होगा । इसलिए आपको 1 लॉट में फायदा 50 हजार रुपए का है ।  इसमें आपका ROI ( + 50000/ 50000) +100% । ब्रोकर ने आपको 3x का एक्सपोजर दीया जिससे आप 1 लॉट ख़रीद सको । जिससे आपको 5% के इंडेक्स बढ़ने पर आपको 100% का लाभ हुआ है।

मान लेते है अगले महीने इंडेक्स करेनेट प्राइस 20000 होता है। अभी 1 लॉट कीमत ( 20000 ×50 ) 10 लाख रुपए। मगर आपके ब्रोकर ने 1 लॉट को  9 लाख 50  में बेचा था। इस बार आपका ब्रोकर आपके आर्डर 1 लॉट को 10 लाख रुपए खरीदना होगा । इसलिए आपको 1 लॉट में नुकसान 50 हजार रुपए का है।  इसमें आपका ROI ( -50000/ 50000) – 100% । ब्रोकर ने आपको 3x का एक्सपोजर दीया जिससे आप 1 लॉट ख़रीद सको । जिससे आपको 5% के इंडेक्स बढ़ने पर आपको – 100% का नुकसान हुआ है। जिससे आपके पैसे पूरी तरह डूब जाता है।

फ्यूचर ट्रेडिंग में कितना मार्जिन लगता है ?

मार्जिन वो अमाउंट है जो ब्रोकर आपको देता है। आपने अपने खाते मैं डाला 50000 । मान लो की आपको निफती फ्यूचर के 1 लोट खरीदना है। इसका प्राइस नवंबर में 18200 ( Current Price ) चलरहा है । निफती फ्यूचर में 1 लोट में 50 शेयर होता है । इसलि आपको पूरा 1 कॉन्ट्रक्ट ( 1900 Dec Stick Price )  ख़रीदने केलिए टोटल कैश मे लगेगा 19000 ×50= 9 लाख 50 हज़ार रुपए। इसको 1 लॉट की कॉन्ट्रक्ट मूल्य कहा जाता है।

मगर सब लोग उतना पैसा लगा नही सकते तो NSE उसका मारजिन सेट कर देती है 8% 12% ( ₹1,10,00) आपको देना होता है। ये कैलकुलेट होता है इंडेक्स की वोलेतिलिती से। मगर आपके  50000 से आपको 1 लाख का ट्रेड लेना है । अब ब्रोकर आपको 3x का एक्सपोजर दीया जिससे आप 1 लॉट ख़रीद सको । मगर ब्रोकर अपने पैसे तो लॉस करेगा नहीं करता है।  ये ही एक्सपोजर को कूछ ट्रेडिंग कम्पनी 10X 5X भी दिखा कर ललचाते है।

मान लेते है अगले महीने इंडेक्स करेनेट प्राइस 20000 होता है। अभी 1 लॉट कीमत ( 20000 ×50 )10 लाख रुपए। मगर आपके ब्रोकर ने 1 लॉट को  9 लाख 50 हज़ार में खरीदा था। इसलिए आपको 1 लॉट में फायदा 50 हजार रुपए का है ।  इसमें आपका ROI ( + 50000/ 50000) +100% । ब्रोकर ने आपको 3x का एक्सपोजर दीया जिससे आप 1 लॉट ख़रीद सको । जिससे आपको 5% के इंडेक्स बढ़ने पर आपको 100% का लाभ हुआ है।

मान लेते है अगले महीने इंडेक्स करेनेट प्राइस 18000 होता है। अभी 1 लॉट कीमत ( 18000 ×50 ) 9 लाख रुपए। मगर आपके ब्रोकर ने 1 लॉट को  9 लाख 50 हज़ार में खरीदा था। इसलिए आपको 1 लॉट में नुकसान 50 हजार रुपए का है।  इसमें आपका ROI ( -50000/ 50000) – 100% । ब्रोकर ने आपको 3x का एक्सपोजर दीया जिससे आप 1 लॉट ख़रीद सको । जिससे आपको 5% के इंडेक्स बढ़ने पर आपको – 100% का नुकसान हुआ है। जिससे आपके पैसे पूरी तरह डूब जाता है।

फ्यूचर ट्रेडिंग जोखिम भरा होता है। कारण आप कम मार्जिन में बहोत कम समय मे ज्यादा पैसे बना भी सकते है लेकिन नुकसान होने की दशा में आपके पैसे पूरी तरह डूब ( Bankrupt) सकते है। इसलिए बहुत सोच समझ कर ही फ्यूचर ट्रेडिंग करें।

फ्यूचर ट्रेडिंग को रोलओवर कैसे करते हैं?

जी बिल्कुल, फ्यूचर्स में आपके ट्रेड को बाय या सेल कर के एक्सपायरी तक रख सकते हैं बशर्ते आपको डेली मार्जिन रिक्वायरमेंट के अकॉर्डिंग मार्जिन रखना पड़ेगा, अगर आप मुनाफे में होंगे तो आपका मार्जिन नहीं लगेगा बट स्टॉक प्राइस क्या करें आपका मार्च बढ़ जाएगा अगर आप नुकसान में होंगे तो आपका मार्जिन कम हो जाएगा बट आपका MTM मार्जिन बढ़ जाएगा।

फ्यूचर ट्रेडिंग में कितना टैक्स लगता है ?


फ्यूचर ट्रेडिंग ट्रेडिंग में होने बाले आय को भारत सरकार इसको बिजनेस इनकम की तरह देखती है। इसलिए इस पर आपके इनकम स्लैब के तहत टैक्स लगता है। इसमें आपको 30% से ज्यादा का टैक्स भी भरना पड़ सकता है। आप आगर आपको फ्यूचर  ट्रेडिंग में नुकसान होता है तो आप इसको किसकी भी ट्रेडिंग आय से भपाए कर सकते है ।आप अपने नुकसान को कम से कम 7 वर्ष तक ( ITR ) में  दिखा सकते है।

फ्यूचर ट्रेडिंग का क्या फायदा है?


फ्यूचर ट्रेडिंग आप कम निवेश में ज्यादा रिटर्न्स निकाल सकते है। इसमें आपको आपके ब्रोकर से मार्जिन मिल जाता है। आप इसमें बाजार तेजी और मंदी दोनों समय पैसा कमा सकते है।


फ्यूचर ट्रेडिंग के नुकसान ?

आप अपने ट्रेडिंग खाते मैं डाला 50000 । मान लो की आपको निफती फ्यूचर के 1 लोट खरीदना है। इसका प्राइस नवंबर में 18200 ( Current Price ) चलरहा है । निफती फ्यूचर में 1 लोट में 50 शेयर होता है । इसलि आपको पूरा 1 कॉन्ट्रक्ट ( 1900 Dec Stick Price )  ख़रीदने केलिए टोटल कैश मे लगेगा 19000 ×50= 9 लाख 50 हज़ार रुपए। इसको 1 लॉट की कॉन्ट्रक्ट मूल्य कहा जाता है।

मान लेते है अगले महीने इंडेक्स करेनेट प्राइस 18000 होता है। अभी 1 लॉट कीमत ( 18000 ×50 ) 9 लाख रुपए। मगर आपके ब्रोकर ने 1 लॉट को  9 लाख 50 हज़ार में खरीदा था। इसलिए आपको 1 लॉट में नुकसान 50 हजार रुपए का है।  इसमें आपका ROI ( -50000/ 50000) – 100% । ब्रोकर ने आपको 3x का एक्सपोजर दीया जिससे आप 1 लॉट ख़रीद सको । जिससे आपको 5% के इंडेक्स बढ़ने पर आपको – 100% का नुकसान हुआ है। जिससे आपके पैसे पूरी तरह डूब जाता है।

फ्यूचर ट्रेडिंग जोखिम भरा होता है। कारण आप कम मार्जिन में बहोत कम समय मे ज्यादा पैसे बना भी सकते है लेकिन नुकसान होने की दशा में आपके पैसे पूरी तरह डूब ( Bankrupt) सकते है। इसलिए बहुत सोच समझ कर ही फ्यूचर ट्रेडिंग करें।


फ्यूचर ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?

बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें  अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।

1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक 


FAQ :-

फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है ?

शेयर मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग  का मतलब होता हे की आप किसी भी स्टॉक / इंडेक्स को उसकी एक्सपाइरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हे, कोई भी फिक्स प्राइस पर।

ट्रेडिंग करने के लिए कितनी उम्र चाहिए?

ट्रेडिंग करने के लिए नुंयतम आयु 18 वर्ष होना चाहिए।

शेयर मार्केट का सबसे बेस्ट ट्रेडिंग ऐप कौन सा है?

जेरोधा सेकुरिट्स


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